आपके डिवाइस में आपको वही चीजें बार-बार कैसे दिखाई देती हैं जो आप सर्च करते हैं?IoB: हमारे व्यवहार की दुनिया
By
Dr. Farzeen Bano
IoB (Internet of Behavior): हमारे व्यवहार की दुनिया क्या है?
क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम ऑनलाइन कुछ
सर्च करते हैं या वेबसाइटों पर घूमते हैं, तब कुछ ही देर में हमारे मोबाइल या
कंप्यूटर स्क्रीन पर वही चीजें दिखाई देती हैं, जो हमने हाल ही में सर्च की थी?
क्या यह कोई जादू है? नहीं, यह है IoB – इंटरनेट ऑफ
बहेवियर, जो हमारे ऑनलाइन व्यवहार को समझने की कोशिश करता है और हमारे सामने उनहीं
चीजें लाया है, जो हमें पसंद आती हैं।
IoB का मतलब
IoB का मतलब है हमारे बहेवियर की जासूसी करना और फिर उसके अनुसार हमें वह दिखाना, जो हमें चाहिए। इसमें टेक्नोलॉजी, डेटा विश्लेषण और हमारे व्यवहार का गहरा रिश्ता है। यह न केवल हमारे स्मार्टफोन और कंप्यूटर को समझता है, बल्कि हमारे स्मार्टवॉच और फिटनेस ट्रैकर्स जैसे गैजेट्स से भी हमारे व्यवहार को विश्लेषण करता है।I
IoB का इस्तेमाल
अब आप सोच रहे होंगे, यह सब कैसे होता है? देखिए, जब हम ऑनलाइन कुछ सर्च करते हैं या किसी वेबसाइट पर जाते हैं, तो हर क्लिक और हर स्क्रॉल हमारे व्यवहार का एक छोटा सा हिस्सा बन जाता है। और फिर, कंपनियां और विज्ञापनकार यह डेटा कलेक्ट करते हैं और हमें वह चीजें दिखाते हैं, जो हमें पसंद आती हैं। इसी वजह से अक्सर हमें वही चीजें विज्ञापन में दिखाई देती हैं, जो हमने हाल ही में देखी या सर्च की थी।
IoB के पहलू
IoB का इस्तेमाल सिर्फ मार्केटिंग में ही नहीं होता, बल्कि सरकारी योजनाओं में भी होता है। सरकार क्राउड बहेवियर और वातावरण डेटा को विश्लेषण करके शहरी योजनाएं, ट्रैफिक फ्लो और सार्वजनिक सुरक्षा को बेहतर बनाने में मदद करती है।
IoB के दो पहलू एवं सावधानी
लेकिन जैसे हर कॉइन के दो पहलु होते हैं, वैसे ही IoB के भी हैं। इसका गलत इस्तेमाल व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग और प्राइवेसी की समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसलिए हमें IoB के प्रति सावधान रहना चाहिए और अपने व्यक्तिगत और प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए।
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ReplyDeleteKeep it up
ReplyDeleteNice
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